शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय ,रायपुर

Government Nagarjuna Post Graduate College of Science, Raipur

Established 1948

Affiliated to Pt. Ravishankar Shukla University Raipur

  NAAC Reports   

01.Organization of Library Day Celebration,(12AUGUST),

              (A).Library Day Celebration,(12 AUGUST 2014),

 

 

 

                                       (B).Library Day Celebration,(12 AUGUST 2015),

 

 

 

 

                                       (C).Library Day Celebration,(12AUGUST2016),

 

 

 

                                       (D).Library Day Celebration,(12 AUGUST 2017),

 

 

 

                                       

                                     (E).Library Day Celebration,(12 AUGUST 2018),

 
 

 

 

 

                                              (F).Library Day Celebration,(12 AUGUST 2019),

 

 

 

02.Prof.S.R.Rangnathan Memorial Lecture Series

                         Prof.S.R.Rangnathan Memorial Lecture Series-2020

 

Prof.S.R.Rangnathan Memorial Lecture Series-2018

Prof.S.R.Rangnathan Memorial Lecture Series-2019

 

 

Prof.RAMESH CHANDRA MEHROTRA Memorial 02nd Lecture -2019

 

 

 

 

 

03. Books Exhibition, (2014-2021)

 

 

 

 

04. Organization of Poster session of National/International Seminar/Symposium (2014-2021)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

05. Organization of Saraswathi Pooja in GNPGC Library.

 

 

 

06. Organization of Prof.Ramesh Chand Mehrotra Memorial Lecture Series.

 

 

 

 

 

 

 

डॉ रमेश चंद मेहरोत्रा स्मृति व्याख्यान माला का दूसरा आयोजन

रायपुर।पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय , रायपुर के ग्रंथालय एवं सूचना प्रौद्योगिकी अध्यन शाला , भाषा एवं साहित्य अध्ययन शाला तथा शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय , रायपुर के ग्रंथालय विज्ञान विभाग द्वारा संयुक्त रुप से डॉक्टर रमेश चंद्र मेहरोत्रा की स्मृति में व्याख्यान माला का दूसरा आयोजन 20 अक्टूबर 2019 दिन ,रविवार को दोपहर 11:00 बजे से पं.सुंदरलाल शर्मा ग्रंथालय में आयोजित किया गया है। इस आयोजन के मुख्य अतिथि डॉ अवध राम चंद्राकर, भूतपूर्व कुलपति ,पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय , बिलासपुर हैं। मुख्य वक्ता डॉ जे एन गौतम, विभागाध्यक्ष , ग्रंथालय एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ,जीवाजी विश्वविद्यालय ,ग्वालियर, कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ के एवं वर्मा ,कुलपति ,पं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ,रायपुर होंगे।
कार्यकम के विशेष अतिथि डॉ ए के वर्मा ,भूतपूर्व विभागाध्यक्ष, ग्रंथालय एवं सूचना प्रौद्योगिकी अध्यन शाला ,रायपुर तथा डॉ डी एन वर्मा ,प्राचार्य ,शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय ,रायपुर होंगे।
इस कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सुभद्रा चौहान , विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर द्वारा किया जाएगा ।
यह एकदिवसीय आयोजन भाषा विज्ञान , हिंदी साहित्य, अंग्रेजी एवं छत्तीसगढ़ी साहित्य एवं ग्रंथालय एवं सूचना प्रौद्योगिकी विषय के शोधाथियों ,प्राध्यापकों एवं छात्र -छात्राओं के लिए लाभप्रद होगा । इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के लब्धप्रतिष्ठित प्राध्यापकों का सम्मान आयोजित किया गया है डॉ सविता सिंह, प्राध्यापक ,अंग्रेजी विभाग ,शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर का ,डॉ सरिता चौधरी ,गुढियारी का सम्मान तांबुल पत्र , शाल , श्री फल, एवं प्रशस्ति पत्र से अतिथियों द्वारा किया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

07. Organization of Painting Compositions.

 

 

 

 

 

 

08. Organization of Poster Exhibition.

 

 

 

09.Mahatma Gandhi birth day Calebration-2019

 

Event-

Venue-

Date-                                 Time-

 

10.MAHATMA GANDHI RARE BOOKS EXHIBITION –(2014-2020)

 

 

 

 

 

 

पाॅकेट साइज किताब रही आकर्षक का कंेद्र--2017

         शसकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय में पढ़ने मिली रेयरेस्ट किताबें

रायपुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर लिखीत पुस्तकों की विशाल श्रृंखला का प्रदर्शन गांधी जयंती के अवसर पर शनिवार को शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर में हुआ। 1948 से 2017 तक गांधी जी पर प्रकाशित पुस्तको की प्रदर्शनी यहंा लगाई गई, जिसमें लगभग 1 हजार पुस्तकें शामिल हैं। इन पुस्तकों में गांधी जी द्वारा स्वंय की लिखी पुस्तक के संस्करण भी शामिल थें, साथ ही कई किताबें ऐसी भी थी, जिन्हें प्रसिद्ध साहित्यकारों और लेखकों ने लिखा हैं। प्रदर्शनी में सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र बनी पाॅकेट साइज की किताबें। आज का विचार और ग्राम सदन नामक दोनो किताबें बहुत ही छोटे साइज की है, जिसे जेब मे रखा जा सकता है। इसके अलावा बापू चित्रावली नामक सबसे बड़ी किताब भी खास आकर्षण का केन्द्र बनी। इस किताब में गांधी जी को विभिन्न नेताओं द्वारा लिखे पत्र शामिल हैं, जिसमें इंदिरा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, रवीन्द्र नाथ टैंगोर सहित अन्य कई लोगों के पत्र शामिल हैं। 2 दिवसीय प्रदर्शनी को बड़ी संख्या में लोगो ने देखा और गांधी जी के जीवन से रूबरू हुए।

महज आठ इंच की सबसे छोटी और पतली किताब से लेकर लगभग 50 इंच की सबसे बड़ी किताब तक का बेहतरीन कलेक्शन देखकर गांधीवादी बेहद खुश नजर आए। किसी ने गांधी के पत्रों के संग्रह से बनी किताबें पढ़नी चाहीं तो किसी ने आजादी के उनके संघर्ष पर आधारित। इस दौरान ऐसे लोगो की संख्या भी सैकड़ों में रही जो गांधी के विचार चाव से पढ़ते दिखें।

         मौका था महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर साइंस काॅलेज में  आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी का। गांधीजी पर आधारित दुलर्भ पुस्तकों की यह 30वीं प्रदर्शनी थी। इसमें गांधी द्वारा रचित व गांधी पर लिखित 1948 से 2017 तक की लगभग 1000 किताबें प्रदर्शित की गई। प्रदर्शनी में काॅलेज स्टूडेंट्स और साहित्य पे्रमियों के अलावा गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। 2 दिवसीय प्रदर्शनी का संध्या समापन हो गया।

लिथो प्रिंट की किताब

जब भी जेहन में कोई अच्छा विचार आता, तो गांधीजी उसे लिख लेेते थें, इन्ही विचारोें पर आज का विचार पुस्तक प्रकाशित की गई। प्रदर्शनी में रखी पुस्तकों में ये सबसे छोटी रही।

         इसकी मार्केट में अब कोई किताब नहीं बची है, ये आउट आॅफ प्रिंट है। इसमें जनवरी से लेकर दिसंबर तक के विचार हैे। प्रदर्शनी में रखी सबसे बड़ी किताब ’बापू’ पन्नालाल त्रिपाठी लिखित और वाराणसी से प्रकाशित है। 60 पेज की इस किताब का हर पन्ना मोटा और मजबूत है। इसमें लिथो प्रिंट यानाी पत्थर पर इंक लगाकर एम्सप्रेशन लेकर प्रिंट की गई फोटो छपी है। सबसे पहले 1949 में प्रकाशित ये किताब 1970 में दोबारा प्रकाशित की गई। प्रदर्शनी का समापन महाविद्यालय के गं्रथपाल डाॅ. प्रवीण शर्मा ने किया।

 

 

 

 

 

 

पाॅकेट साइज किताब रही आकर्षक का कंेद्र--2017

         शसकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय में पढ़ने मिली रेयरेस्ट किताबें

रायपुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर लिखीत पुस्तकों की विशाल श्रृंखला का प्रदर्शन गांधी जयंती के अवसर पर शनिवार को शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर में हुआ। 1948 से 2017 तक गांधी जी पर प्रकाशित पुस्तको की प्रदर्शनी यहंा लगाई गई, जिसमें लगभग 1 हजार पुस्तकें शामिल हैं। इन पुस्तकों में गांधी जी द्वारा स्वंय की लिखी पुस्तक के संस्करण भी शामिल थें, साथ ही कई किताबें ऐसी भी थी, जिन्हें प्रसिद्ध साहित्यकारों और लेखकों ने लिखा हैं। प्रदर्शनी में सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र बनी पाॅकेट साइज की किताबें। आज का विचार और ग्राम सदन नामक दोनो किताबें बहुत ही छोटे साइज की है, जिसे जेब मे रखा जा सकता है। इसके अलावा बापू चित्रावली नामक सबसे बड़ी किताब भी खास आकर्षण का केन्द्र बनी। इस किताब में गांधी जी को विभिन्न नेताओं द्वारा लिखे पत्र शामिल हैं, जिसमें इंदिरा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, रवीन्द्र नाथ टैंगोर सहित अन्य कई लोगों के पत्र शामिल हैं। 2 दिवसीय प्रदर्शनी को बड़ी संख्या में लोगो ने देखा और गांधी जी के जीवन से रूबरू हुए।

महज आठ इंच की सबसे छोटी और पतली किताब से लेकर लगभग 50 इंच की सबसे बड़ी किताब तक का बेहतरीन कलेक्शन देखकर गांधीवादी बेहद खुश नजर आए। किसी ने गांधी के पत्रों के संग्रह से बनी किताबें पढ़नी चाहीं तो किसी ने आजादी के उनके संघर्ष पर आधारित। इस दौरान ऐसे लोगो की संख्या भी सैकड़ों में रही जो गांधी के विचार चाव से पढ़ते दिखें।

         मौका था महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर साइंस काॅलेज में  आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी का। गांधीजी पर आधारित दुलर्भ पुस्तकों की यह 30वीं प्रदर्शनी थी। इसमें गांधी द्वारा रचित व गांधी पर लिखित 1948 से 2017 तक की लगभग 1000 किताबें प्रदर्शित की गई। प्रदर्शनी में काॅलेज स्टूडेंट्स और साहित्य पे्रमियों के अलावा गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। 2 दिवसीय प्रदर्शनी का संध्या समापन हो गया।

लिथो प्रिंट की किताब

जब भी जेहन में कोई अच्छा विचार आता, तो गांधीजी उसे लिख लेेते थें, इन्ही विचारोें पर आज का विचार पुस्तक प्रकाशित की गई। प्रदर्शनी में रखी पुस्तकों में ये सबसे छोटी रही।

         इसकी मार्केट में अब कोई किताब नहीं बची है, ये आउट आॅफ प्रिंट है। इसमें जनवरी से लेकर दिसंबर तक के विचार हैे। प्रदर्शनी में रखी सबसे बड़ी किताब ’बापू’ पन्नालाल त्रिपाठी लिखित और वाराणसी से प्रकाशित है। 60 पेज की इस किताब का हर पन्ना मोटा और मजबूत है। इसमें लिथो प्रिंट यानाी पत्थर पर इंक लगाकर एम्सप्रेशन लेकर प्रिंट की गई फोटो छपी है। सबसे पहले 1949 में प्रकाशित ये किताब 1970 में दोबारा प्रकाशित की गई। प्रदर्शनी का समापन महाविद्यालय के गं्रथपाल डाॅ. प्रवीण शर्मा ने किया।

 

 

 

 

 

 

 

 

11. Organization of Twaites a Year Indian Property Right  National/International Seminar/ Webinar/ Symposium

  

 

 

 

 

 

12. Organization of National/International Seminar/ Webinar/ Symposium

12.